जो ग़ैब (परोक्ष)[1] पर ईमान (विश्वास) रखते हैं तथा नमाज़ की स्थापना करते हैं और जो कुछ हमने उन्हें दिया है, उसमें से दान करते हैं।
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1. इस्लाम की परिभाषा में, अल्लाह, उस के फ़रिश्तों, उस की पुस्तकों, उस के रसूलों तथा अन्तदिवस (प्रलय) और अच्छे-बुरे भाग्य पर ईमान (विश्वास) को 'ईमान बिल ग़ैब' कहा गया है। (इब्ने कसीर)


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