(उसका निर्णय है कि) जिन्होंने अपने धर्म को तमाशा और खेल बना लिया था तथा जिन्हें सांसारिक जीवन ने धोखे में डाल रखा था, तो आज हम उन्हें ऐसे ही भुला देंगे, जिस प्रकार उन्होंने आज के दिन के आने को भुला दिया था[1] और इसलिए भी कि वे हमारी आयतों का इन्कार करते रहे।
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1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहाःप्रलय के दिन अल्लाह ऐसे बंदों से कहेगाः क्या मैं ने तुम्हें बीवी-बच्चे नहीं दिये, आदर-मान नहीं दिया? क्या ऊँट-घोड़े तेरे अधीन नहीं किये, क्या तू मुख्या बन कर चुंगी नहीं लेता था? वह कहेगाः हे अल्लाह, सब सह़ीह़ है। अल्लाह प्रश्न करेगाः क्या मुझ से मिलने की आशा रखता था? वह कहेगाः नहीं। अल्लाह कहेगाः जैसे तू मुझे भूला रहा, आज मैं तुझे भूल जाता हूँ। (सह़ीह़ मुस्लिमः2968)