हे ईमान वालो! अल्लाह और उसके रसूल की पुकार सुनो, जब तुम्हें उसकी ओर बुलाये, जो तुम्हारी[1] (आत्मा) को जीवन प्रदान करे और जान लो कि अल्लाह मानव और उसके दिल के बीच आड़े[2] आ जाता है और निःसंदेह तुम उसी के पास (अपने कर्म फल के लिए) एकत्र किये जाओगे।
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1. इस से अभिप्राय क़ुर्आन तथा इस्लाम है। (इब्ने कसीर) 2. अर्थात जो अल्लाह और उस के रसूल की बात नहीं मानता, तो अल्लाह उसे मार्गदर्शन भी नहीं देता।