तो यदि वे अपनी शपथें अपना वचन देने के पश्चात तोड़ दें और तुम्हारे धर्म की निंदा करें, तो कुफ़्र के प्रमुखों से युध्द करो। क्योंकि उनकी शपथों का कोई विश्वास नहीं, ताकि वे (अत्याचार से) रुक जायेँ।
तो यदि वे अपनी शपथें अपना वचन देने के पश्चात तोड़ दें और तुम्हारे धर्म की निंदा करें, तो कुफ़्र के प्रमुखों से युध्द करो। क्योंकि उनकी शपथों का कोई विश्वास नहीं, ताकि वे (अत्याचार से) रुक जायेँ।