फिर यदि वे उत्तर न दें, तो विश्वास कर लो कि उसे (क़ुर्आन को) अल्लाह के ज्ञान के साथ ही उतारा गया है और ये कि कोई वंदनीय (पूज्य) नहीं है, परन्तु वही। तो क्या तुम मुस्लिम होते हो?
फिर यदि वे उत्तर न दें, तो विश्वास कर लो कि उसे (क़ुर्आन को) अल्लाह के ज्ञान के साथ ही उतारा गया है और ये कि कोई वंदनीय (पूज्य) नहीं है, परन्तु वही। तो क्या तुम मुस्लिम होते हो?