और मैं तुमसे ये नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के कोषागार (ख़ज़ाने) हैं और न मैं गुप्त बातों का ज्ञान रखता हूँ और ये भी नहीं कहता कि मैं फ़रिश्ता हूँ और ये भी नहीं कहता कि जिन्हें तुम्हारी आँखें घृणा से देखती हैं, अल्लाह उन्हें कोई भलाई नहीं देगा। अल्लाह अधिक जानता है, जो कुछ उनके दिलों में है। यदि मैं ऐसा कहूँ, तो निश्चय अत्याचारियों में हो जाऊँगा।


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