उसने कहाः मैं किसी पर्वत की ओर शरण ले लूँगा, जो मुझे जल से बचा लेगा। नूह़ ने कहाः आज अल्लाह के आदेश (यातना) से कोई बचाने वाला नहीं, परनु जिसपर वह (अल्लाह) दया करे और दोनों के बीच एक लहर आड़े आ गयी और वह डूबने वालों में हो गया।


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