हे मेरी जाति के लोगो! अपने पालनहार से क्षमा माँगो। फिर उसकी ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वह आकाश से तुमपर धारा प्रवाह वर्षा करेगा और तुम्हारी शक्ति में अधिक शक्ति प्रदान करेगा और अपराधी होकर मुँह न फेरो।
हे मेरी जाति के लोगो! अपने पालनहार से क्षमा माँगो। फिर उसकी ओर ध्यानमग्न हो जाओ। वह आकाश से तुमपर धारा प्रवाह वर्षा करेगा और तुम्हारी शक्ति में अधिक शक्ति प्रदान करेगा और अपराधी होकर मुँह न फेरो।