फिर जब उससे निराश हो गये, तो एकान्त में होकर प्रामर्श करने लगे। उनके बड़े ने कहाः क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे पिता ने तुमसे अल्लाह को साक्षी बनाकर दृढ़ वचन लिया था? और इससे पहले जो अपराध तुमने यूसुफ के बारे में किया है? तो मैं इस धरती (मिस्र) से नहीं जाऊँगा, जब तक मुझे मेरे पिता अनुमति न दे दें अथवा अल्लाह मेरे लिए निर्णय न कर दे और वही सबसे अच्छा निर्णय करने वाला है।