तथा वही है, जिसने धरती को फैलाया और उसमें पर्वत तथा नहरें बनायीं और प्रत्येक फल के दो प्रकार बनाये। वह रात्रि से दिन को छुपा देता है। वास्तव में, इसमें बहुत सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो सोच-विचार करते हैं।


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