और हम उनके विचारों से भली-भाँति अवगत हैं, जब वे कान लगाकर आपकी बात सुनते हैं और जब वे आपस में कानाफूसी करते हैं, जब वे अत्याचारी कहते हैं कि तुम लोग तो बस एक जादू किये हुए व्यक्ति का अनुसरण[1] करते हो।
____________________
1. मक्का के काफ़िर छुप-छुप कर क़ुर्आन सुनते। फिर आपस में प्रामर्श करते कि इस का तोड़ किया हो? और जब किसी पर संदेह हो जाता कि वह क़ुर्आन से प्रभावित हो गया है तो उसे समझाते कि इस के चक्कर में क्या पड़े हो, इस पर किसी ने जादू कर दिया है। इस लिये बहकी-बहकी बातें कर रहा है।