कुछ[1] कहेंगे कि वे तीन हैं और चौथा उनका कुत्ता है और कुछ कहेंगे कि पाँच हैं और छठा उनका कुत्ता है। ये अंधेरे में तीर चलाते हैं और कहेंगे कि सात हैं और आठवाँ उनका कुत्ता है। (हे नबी!) आप कह दें कि मेरा पालनहार ही उनकी संख्या भली-भाँति जानता है, जिसे कुछ लोगों के सिवा कोई नहीं जानता[2]। अतः आप उनके संबन्ध में कोई विवाद न करें, सिवाय सरसरी बात के और न उनके विषय में किसी से कुछ पूछें[3]।
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1. इन से मुराद नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग के अह्ले किताब हैं। 2. भावार्थ यह है कि उन की संख्या का सह़ीह़ ज्ञान तो अल्लाह ही को है किन्तु वास्तव में ध्यान देने की बात यह है कि इस से हमें क्या शिक्षा मिल रही है। 3. क्योंकि आप को उन के बारे में अल्लाह के बताने के कारण उन लोगों से अधिक ज्ञान है। और उन के पास कोई ज्ञान नहीं। इस लिये किसी से पूछने की आवश्यक्ता भी नहीं है।


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