ये (अल्लाह का आदेश है), और जो आदर करे अल्लाह के प्रतीकों (निशानों)[1] का, तो ये निःसंदेह दिलों के आज्ञाकारी होने की बात है।
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1. अर्थात भक्ति के लिये उस के निश्चित किये हुये प्रतीकों की।
ये (अल्लाह का आदेश है), और जो आदर करे अल्लाह के प्रतीकों (निशानों)[1] का, तो ये निःसंदेह दिलों के आज्ञाकारी होने की बात है।
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1. अर्थात भक्ति के लिये उस के निश्चित किये हुये प्रतीकों की।