जिनकी दशा ये है कि जब अल्लाह की चर्चा की जाये, तो उनके दिल डर जाते हैं तथा धैर्य रखते हैं उस विपदा पर, जो उन्हें पहुँचे और नमाज़ की स्थापना करने वाले हैं तथा उसमें से जो हमने उन्हें दिया है, दान करते हैं।
जिनकी दशा ये है कि जब अल्लाह की चर्चा की जाये, तो उनके दिल डर जाते हैं तथा धैर्य रखते हैं उस विपदा पर, जो उन्हें पहुँचे और नमाज़ की स्थापना करने वाले हैं तथा उसमें से जो हमने उन्हें दिया है, दान करते हैं।