और (हे नबी!) हमने नहीं भेजा आपसे पूर्व किसी रसूल और न किसी नबी को, किन्तु जब, उसने (पुस्तक) पढ़ी, तो संशय डाल दिया शैतान ने उसके पढ़ने में। फिर निरस्त कर देता है अल्लाह शैतान के संशय को, फिर सुदृढ़ कर देता है अल्लाह अपनी आयतों को और अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वज्ञ[1] है।
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1. आयत का अर्थ यह है कि जब नबी धर्म पुस्तक की आयतें सुनाते हैं तो शैतान लोगों को उस के अनुपालन से रोकने के लिये संशय उत्पन्न करता है।


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