और जो व्यर्थ[1] से विमुख रहने वाले हैं।
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1. अर्थात प्रत्येक व्यर्थ कार्य तथा कथन से। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमायाः जो अल्लाह और प्रलय के दिन पर ईमान रखता हो वह अच्छी बात बोले अन्यथा चुप रहे। (सह़ीह़ बुख़ारीः6019, मुस्लिमः 48)