व्यभिचारी[1] नहीं विवाह करता, परन्तु व्यभिचारिणी अथवा मिश्रणवादी से और व्यभिचारिणी नहीं विवाह करती, परन्तु व्यभिचारी अथवा मिश्रणवादी से और इसे ह़राम (अवैध) कर दिया गया है ईमान वालों पर।
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1. आयत का अर्थ यह है कि साधारणतः कुकर्मी विवाह के लिये अपने ही जैसों की ओर आकर्षित होते हैं। अतः व्यभिचारिणी व्यभिचारी से ही विवाह करने में रूचि रखती है। इस में ईमान वालों को सतर्क किया गया है कि जिस प्रकार व्यभिचार महा पाप है उसी प्रकार व्यभिचारियों के साथ विवाह संबन्ध स्थापित करना भी निषेध है। कुछ भाष्यकारों ने यहाँ विवाह का अर्थ व्यभिचार लिया है।


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