जो अत्यंत कृपाशील और दयावान्[1] है।
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1. अर्थात वह विश्व की व्यवस्था एवं रक्षा अपनी अपार दया से कर रहा है, अतः प्रशंसा एवं पूजा के योग्य भी मात्र वही है।
जो अत्यंत कृपाशील और दयावान्[1] है।
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1. अर्थात वह विश्व की व्यवस्था एवं रक्षा अपनी अपार दया से कर रहा है, अतः प्रशंसा एवं पूजा के योग्य भी मात्र वही है।