और यदि तुम्हें उसमें कुछ संदेह हो, जो (अथवा क़ुर्आन) हमने अपने भक्त पर उतारा है, तो उसके समान कोई सूरह ले आओ? और अपने समर्थकों को भी, जो अल्लाह के सिवा हों, बुला लो, यदि तुम सच्चे[1] हो।
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1. आयत का भावार्थ यह है कि नबी के सत्य होने का प्रमाण आप पर उतारा गया क़ुर्आन है। यह उन की अपनी बनाई बात नहीं है। क़ुर्आन ने ऐसी चुनौती अन्य आयतों में भी दी है। (देखियेः सूरह क़सस, आयतः49, इस्रा, आयतः88, हूद, आयतः13, और यूनुस, आयतः38)


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