तथा क़ुर्आन पढ़ता रहूँ, तो जिसने सुपथ अपनाया, तो वह अपने ही लाभ के लिए सुपथ अपनायेगा और जो कुपथ हो जाये, तो आप कह दें कि वास्तव में, मैं तो बस सावधान करने वालों में से हूँ।
तथा क़ुर्आन पढ़ता रहूँ, तो जिसने सुपथ अपनाया, तो वह अपने ही लाभ के लिए सुपथ अपनायेगा और जो कुपथ हो जाये, तो आप कह दें कि वास्तव में, मैं तो बस सावधान करने वालों में से हूँ।