तथा वही अल्लाह[1] है, कोई वन्दनीय (सत्य पूज्य) नहीं है उसके सिवा, उसी के लिए सब प्रशंसा है लोक तथा परलोक में तथा उसी के लिए शासन है और तुम उसी की ओर फेरे[2] जाओगो।
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1. अर्थात जो उत्पत्ति करता तथा सब अधिकार और ज्ञान रखता है। 2.अर्थात ह़िसाब और प्रतिफल के लिये।