उसने उत्पन्न किया है आकाशों को बिना किसी स्तस्भ के, जिन्हें तुम देख रहे हो और बना दिये धरती में पर्वत, ताकि डोल न जाये तुम्हें लेकर और फैला दिये उनमें हर प्रकार के जीव तथा हमने उतारा आकाश से जल, फिर हमने उगाये उसमें प्रत्येक प्रकार के सुन्दर जोड़।
उसने उत्पन्न किया है आकाशों को बिना किसी स्तस्भ के, जिन्हें तुम देख रहे हो और बना दिये धरती में पर्वत, ताकि डोल न जाये तुम्हें लेकर और फैला दिये उनमें हर प्रकार के जीव तथा हमने उतारा आकाश से जल, फिर हमने उगाये उसमें प्रत्येक प्रकार के सुन्दर जोड़।