उन्हें पुकारो, उनके बापों से संबन्धित करके, ये अधिक न्याय की बात है अल्लाह के समीप और यदि तुम नहीं जानते उनके बापों को, तो वे तुम्हारे धर्म बन्धु तथा मित्र हैं और तुम्हारे ऊपर कोई दोष नहीं है उसमें, जो तुमसे चूक हुई है, परन्तु (उसमें है) जिसका निश्चय तुम्हारे दिल करें तथा अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।