(आपको अधिकार है कि) जिसे आप चाहें, अलग रखें अपनी पत्नियों में से और अपने साथ रखें, जिसे चाहें और जिसे आप चाहें, बुला लें उनमें से, जिन्हें अलग किया है। आपपर कोई दोष नहीं है। इस प्रकार, अधिक आशा है कि उनकी आँखें शीतल हों और वे उदासीन न हों तथा प्रसन्न रहें उससे, जो आप उनसब को दें और अल्लाह जानता है जो तुम्हारे दिलों[1] में है और अल्लाह अति ज्ञानी, सहनशील[2] है।
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1. अर्था किसी एक पत्नी में रूचि। 2. इसी लिये तुरंत यातना नहीं देता।


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