( ये अमानत का भार इसलिए लिया है) ताकि अल्लाह दण्ड दे मुनाफ़िक़ पुरुष तथा मुनाफ़िक़ स्त्रियों को और मुश्रिक पुरुष तथा स्त्रियों को तथा क्षमा कर दे अल्लाह ईमान वालों तथा ईमान वालियों को और अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।


الصفحة التالية
Icon