क्या उन्होंने नहीं देखा उसकी ओर, जो उनके आगे तथा उनके पीछे आकाश और धरती है। यदि हम चाहें, तो धंसा दें उनके सहित धरती को अथवा गिरा दें उनपर कोई खण्ड आकाश से। वास्तव में, इसमें एक बड़ी निशानी है प्रत्येक भक्त के लिए, जो ध्यानमग्न हो।
क्या उन्होंने नहीं देखा उसकी ओर, जो उनके आगे तथा उनके पीछे आकाश और धरती है। यदि हम चाहें, तो धंसा दें उनके सहित धरती को अथवा गिरा दें उनपर कोई खण्ड आकाश से। वास्तव में, इसमें एक बड़ी निशानी है प्रत्येक भक्त के लिए, जो ध्यानमग्न हो।