तथा काफ़िरों ने कहा कि हम कदापि ईमान नहीं लायेंगे इस क़ुर्आन पर और न उसपर, जो इससे पूर्व की पुस्तक हैं और यदि आप देखेंगे इन अत्याचारियों को खड़े हुए अपने पालनहार के समक्ष, तो वे दोषारोपण कर रहे होंगे एक-दूसरे पर। जो निर्बल समझे जा रहे थे, वे कहेंगे उनसे, जो बड़े बन रहे थेः यदि तुम न होते, तो हम अवश्य ईमान लाने वालों[1] में होते।
____________________
1. तुम्ही ने हमें सत्य से रोका था।


الصفحة التالية
Icon