तथा फूँका[1] जायेगा सूर (नरसिंघा) में, तो वह सहसा समाधियों से अपने पालनहार की ओर भागते हुए चलने लगेंगे।
____________________
1. इस से अभिप्राय दूसरी बार सूर फूँकना है जिस से सभी जीवित हो कर अपनी समाधियों से निकल पड़ेंगे।


الصفحة التالية
Icon