दावूद ने कहाः उसने तुमपर अवश्य अत्याचार किया, तुम्हारी भेड़ को (मिलाने की) माँग करके अपनी भेड़ों में तथा बहुत-से साझी एक-दूसरे पर एत्याचार करते हैं, उनके सिवा, जो ईमान लाये तथा सदाचार किये और बहुत थोड़े हैं ऐसे लोग और दावूद ने भाँप ली कि हमने उसकी परीक्षा ली है, तो सहसा उसने क्षमा याचना कर ली और गिर गया सज्दे में तथा ध्यानमग्न हो गया।


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