तथा सूर (नरसिंधघा) फूँका[1] जायेगा, तो निश्चेत होकर गिर जायेंगे, जो आकाशों तथा धरती में हैं। परन्तु जिसे अल्लाह चाहे, फिर उसे पुनः फूँका जायेगा, तो सहसा सब खड़े देख रहे होंगे।
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1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहाः दूसरी फूँक के पश्चात् सब से पहले मैं सिर उठाऊँगा। तो मूसा अर्श पकड़े हुये खड़े होंगे। मूझे ज्ञान नहीं कि वह ऐसे ही रह गये थे, या फूँकने के पश्चात् मुझ से पहले उठ चुके होंगे। (सह़ीह़ बुख़ारीः 4813) दूसरी ह़दीस में है कि दोनों फूकों के बीच चालीस की अवधि होगी। और मनुष्य की दुमची की हड्डी के सिवा सब सड़ जायेगा। और उसी से उस को फिर बनाया जायेगा। (सह़ीह़ बुख़ारीः 4814)