तथा आप सावधान कर दें उन्हें आगामी समीप दिन से, जब दिल मुँह को आ रहे होंगे। लोग शोक से भरे होंगे। नहीं होगा अत्याचारियों का कोई मित्र, न कोई सिफ़ारिशी, जिसकी बात मानी जाये।
तथा आप सावधान कर दें उन्हें आगामी समीप दिन से, जब दिल मुँह को आ रहे होंगे। लोग शोक से भरे होंगे। नहीं होगा अत्याचारियों का कोई मित्र, न कोई सिफ़ारिशी, जिसकी बात मानी जाये।