कया वही बाँटते[1] हैं आपके पालनहार की दया? हमने बाँटी है, उनके बीच, उनकी जीविका सांसारिक जीवन में तथा हमने उच्च किया है, उनमें से एक को दूसरे पर, कई श्रेणियाँ। ताकि एक-दूसरे से सेवा कार्य लें तथा आपके पालनहार की दया[1] उससे उत्तम है, जिसे वे इकट्ठा कर रहे हैं।
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1. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने जैसे संसारिक धन्य-धान्य में लोगों की विभिन्न श्रेणियाँ बनाई हैं उसी प्रकार नबूवत और रिसालत, जो उस की दया हैं, उन को भी जिस के लिये चाहा प्रदान किया है। 2. अर्थात प्रलोक में स्वर्ग सदाचारी भक्तों को मिलेगी।