तथा तुम्हारी उत्पत्ति में तथा जो फैला[1] दिये हैं उसने जीव, बहुत-सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो विश्वास रखते हों।
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1. तौह़ीद (एकेश्वरवाद) के प्रकरण में क़ुर्आन ने प्रत्येक स्थान पर आकाश तथा धरती में अल्लाह के सामर्थ्य की फैली हुई निशानियों को प्रस्तुत किया है। और यह बताया है कि जैसे उस ने वर्षा द्वारा मनुष्य के आर्थिक जीवन की व्यवस्था कर दी है वैसे ही रसूलों तथा पुस्तकों द्वारा उस के आत्मिक जीवन की व्यवस्था कर दी है जिस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिये। यह विश्व की व्यवस्था स्वयं ऐसी खुली पुस्तक है जिस के पश्चात् ईमान लाने के लिये किसी और प्रमाण की आवश्यक्ता नहीं है।


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