निश्चय अल्लाह ने अपने रसूल को सच्चा सपना दिखाया, सच के अनुसार। तुम अवश्य प्रवेश करोगे मस्जिदे ह़राम में, यदि अल्लाह ने चाहा, निर्भय होकर, अपने सिर मुंडाते तथा बाल कतरवाते हुए, तुम्हें किसी प्रकार का भय नहीं होगा,[1] वह जानता है जिसे तुम नहीं जानते। इसिलए प्रदान कर दी तुम्हें इस (मस्जिदे ह़राम में प्रवेश) से पहले, एक समीप (जल्दी) की[2] विजय।
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1. अर्थात "उमरा" करते हुये जिस में सिर के बाल मुंडाये या कटाये जाते हैं। इसी प्रकार "ह़ज्ज" में भी मुंडाये या कटाये जाते हैं। 2. इस से अभिप्राय ख़ैबर की विजय है जो ह़ुदैबिया से वापसी के पश्चात् कुछ दिनों के बाद हुई। और दूसरा वर्ष संधि के अनुसार आप ने अपने अनुयायियों के साथ उमरा किया और आप का सपना अल्लाह ने साकार कर दिया।


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