और आकाश को ऊँचा किया और रख दी तराजू।[1]
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1. (देखियेः सूरह ह़दीद, आयतः25) अर्थ यह है कि धरती में न्याय का नियम बनाया और उस के पालन का आदेश दिया।
और आकाश को ऊँचा किया और रख दी तराजू।[1]
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1. (देखियेः सूरह ह़दीद, आयतः25) अर्थ यह है कि धरती में न्याय का नियम बनाया और उस के पालन का आदेश दिया।