हे जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि निकल सकते हो आकाशों तथा थरती के किनारों से, तो निकल भागो और तुम निकल नहीं सकोगे बिना बड़ी शक्ति[1] के।
____________________
1. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।
हे जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि निकल सकते हो आकाशों तथा थरती के किनारों से, तो निकल भागो और तुम निकल नहीं सकोगे बिना बड़ी शक्ति[1] के।
____________________
1. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।