तथा अपने धन, जिसे अल्लाह ने तुम्हारे लिए जीवन स्थापन का साधन बनाया है, अज्ञानों को न[1] दो। हाँ, उसमें से उन्हें खाना-कपड़ा दो और उनसे भली बात बोलो।
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1. अर्थात धन, जीवन स्थापन का साधन है। इस लिये जब तक अनाथ चतुर तथा व्यस्क न हो जायें और अपने लाभ की रक्षा न कर सकें उस समय तक उन का धन, उन के नियंत्रण में न दो।


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