अत्यंत अप्रिय है अल्लाह को तुम्हारी वह बात कहना, जिसे तुम (स्वयं) करते नहीं।
अत्यंत अप्रिय है अल्लाह को तुम्हारी वह बात कहना, जिसे तुम (स्वयं) करते नहीं।