तथा दान करो उसमें से, जो प्रदान किया है हमने तुम्हें, इससे पूर्व कि आ जाये तुममें से किसी के मरण का[1] समय, तो कहे कि मेरे पालनहार! क्यों नहीं अवसर दे दिया मुझे कुछ समय का। ताकि मैं दान करता तथा सदाचारियों में हो जाता।
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1. ह़दीस में है कि मनुष्य का वास्तविक धन वही है जिस को वह इस संसार में दान कर जाये। और जिसे वह छोड़ जाये तो वह उस का नहीं बल्कि उस के वारिस का धन है। (सह़ीह़ बुख़ारीः 6442)