जो आपदा आती है, वह अल्लाह ही की अनुमति से आती है तथा जो अल्लाह पर ईमान[1] लाये, तो वह मार्गदर्शन देता[2] है उसके दिल को तथा अल्लाह प्रत्येक चीज़ को जानता है।
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1. अर्थ यह है कि जो व्यक्ति आपदा को यह समझ कर सहन करता है कि अल्लाह ने यही उस के भाग्य में लिखा है। 2. ह़दीस में है कि ईमान वाले की दशा विभिन्न होती है। और उस की दशा उत्तम ही होती है। जब उसे सुख मिले तो कृतज्ञ होता है। और दुख हो तो सहन करता है। और यह उस के लिये उत्तम है। (मुस्लिमः 2999)