हे लोगो जो ईमान लाये हो! वास्तव में, तुम्हारी कुछ पत्नियाँ तथा संतान तुम्हारी शत्रु[1] हैं। अतः, उनसे सावधान रहो और यदि तुम क्षमा से काम लो तथा सुधार करो और क्षमा कर दो, तो वास्तव में अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।
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1. अर्थात जो तुम्हें सदाचार एवं अल्लाह के आज्ञा पालन से रोकते हों, फिर भी उन का सुधार करने और क्षमा करने का निर्देश दिया गया है।