जिसने उत्पन्न किया है मृत्यु तथा जीवन को, ताकि तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें किसका कर्म अधिक अच्छा है? तथा वह प्रभुत्वशाली, अति क्षमावान् है।[1]
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1. इस में आज्ञा पालन की प्रेरणा तथा अवैज्ञा पर चेतावनी है।
जिसने उत्पन्न किया है मृत्यु तथा जीवन को, ताकि तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें किसका कर्म अधिक अच्छा है? तथा वह प्रभुत्वशाली, अति क्षमावान् है।[1]
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1. इस में आज्ञा पालन की प्रेरणा तथा अवैज्ञा पर चेतावनी है।