निःसंदेह जो डरते हों अपने पालनहार से बिन देखे उन्हीं के लिए क्षमा है तथा बड़ा प्रतिफल है।[1]
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1. ह़दीस में है कि मैं ने अपने सदाचारी भक्तों के लिये ऐसी चीज़ तैयार की है जिसे न किसी आँख ने देखा, न किसी कान ने सुना और न किसी दिल ने सोचा। (सह़ीह़ बुख़ारीः 3244, सह़ीह़ मुस्लिमः 2824)