तो क्या दशा होगी, जब हम प्रत्येक उम्मत (समुदाय) से एक साक्षी लायेंगे और (हे नबी!) आपको उनपर (बनाकर) साक्षी लायेंगे[1]।
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1. आयत का भावार्थ यह है कि प्रलय के दिन अल्लाह प्रत्येक समुदाय के रसूल को उन के कर्म का साक्षी बनायेगा। इस प्रकार मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को भी अपने समुदाय पर साक्षी बनायेगा। तथा सब रसूलों पर कि उन्हों ने अपने पालनहार का संदेश पहुँचाया है। (इब्ने कसीर)


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