और कुपथ (गुमराह) कर दिया है उन्होंने बहुतों को और अधिक कर दे तू भी अत्याचारियों के कुपथ[1] (कुमार्ग) को।
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1. नूह़ (अलैहिस्सलाम) ने 950 वर्ष तक उन्हें समझाया। (देखियेः सूरह अन्कबूत, आयतः14) और जब नहीं माने तो यह निवेदन किया।


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