तथा हमें विश्वास हो गया है कि हम कदापि विवश नहीं कर सकते अल्लाह को धरती में और न विवश कर सकते हैं उसे भागकर।
तथा हमें विश्वास हो गया है कि हम कदापि विवश नहीं कर सकते अल्लाह को धरती में और न विवश कर सकते हैं उसे भागकर।