जिसने रसूल की आज्ञा का अनुपालन किया, (वास्तव में) उसने अल्लाह की आज्ञा का पालन किया तथा जिसने मुँह फेर लिया, तो (हे नबी!) हमने आपको उनका प्रहरी (रक्षक) बनाकर नहीं भेजा[1] है।
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1. अर्थात आप का कर्तव्य अल्लाह का संदेश पहुँचाना है, उन के कर्मों तथा उन्हें सीधी डगर पर लगा देने का दायित्व आप पर नहीं है।