उस दिन इन्सान अपना करतूत याद करेगा।[1]
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1. (35) यह प्रलय का तीसरा चरण होगा जब कि वह सामने होगी। उस दिन प्रत्येक व्यक्ति को अपने संसारिक कर्म याद आयेंगे और कर्मानुसार जिस ने सत्य धर्म की शिक्षा का पालन किया होगा उसे स्वर्ग का सुख मिलेगा और जिस ने सत्य धर्म और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को नकारा और मनमानी धर्म और कर्म किया होगा वह नरक का स्थायी दुःख भोगेगा।