हँसी की बात नहीं।[1]
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1. (11-14) इन आयतों में बताया गया है कि आकाश से वर्षा का होना तथा धरती से पेड़ पौधों का उपजना कोई खेल नहीं एक गंभीर कर्म है। इसी प्रकार क़ुर्आन में जो तथ्य बताये गये हैं वह भी हँसी उपहास नहीं हैं पक्की और अडिग बातें हैं। काफ़िर (विश्वासहीन) इस भ्रम में न रहें कि उन की चालें इस क़ुर्आन की आमंत्रण को विफल कर देंगी। अल्लाह भी एक उपाय में लगा है जिस के आगे इन की चालें धरी रह जायेंगी।


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