तथा (याद करो) जब मूसा ने अपनी जाति से कहाः तुमने बछड़े को पूज्य बनाकर अपने ऊपर अत्याचार किया है, अतः तुम अपने उत्पत्तिकार के आगे क्षमा याचना करो, वो ये कि आपस में एक-दूसरे[1] को वध करो। इसी में तुम्हारे उत्पत्तिकार के समीप तुम्हारी भलाई है। फिर उसने तुम्हारी तौबा स्वीकार कर ली। वास्तव में, वह बड़ा क्षमाशील, दयावान् है।
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1. अर्थात जिस ने बछड़े की पूजा की है, उसे, जो निर्दोष हो वह हत करे। यही दोषी के लिये क्षमा है। (तफ़्सीर इब्ने कसीर)